top of page

छैल छबीले अम्मा बापु

  • लेखक की तस्वीर: Himachal Queer Foundation
    Himachal Queer Foundation
  • 2 जन॰ 2024
  • 1 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 6 मई 2024

छैल छबीले अम्मा-बापू एक पहल है जिसमें हम कांगड़ा जिले में घर घर जाकर माता-पिता/अभिभावकों से जेंडर न्यूट्रल वातावरण कैसे बनाएं और बच्चों के बेहतर पालन-पोषण के तरीकों के बारे में बात करते हैं। इस पहल की शुरुआत LGBTQIA+ व्यक्तियों के साथ उनके जन्मस्थान पर होनेवाले दुर्व्यवहार को कम करने के उद्देश्य से की गई है। इस पहल को शुरू करने का विचार हमारे सामने एक सवाल के साथ आया था:


"वे युवा व्यक्ति जो समाज द्वारा बनाये गये जेंडर के नियमों में फिट नहीं बैठते हैं, वे जिस हिंसा, भेदभाव और दुर्व्यवहार का सामना करते हैं, उन्हें कम कैसे किया जा सकता है?”


हम घर-घर जाकर अधिक से अधिक लोगों से, खासकर परिवार के सदस्यों से बात करते हैं। आमतौर पर जो व्यक्ति खुद की पहचान क्वीर या ट्रांस* व्यक्ति के रूप में करते हैं, उनके जीवन में उन्हें सबसे पहले डराने-धमकाने वाले व्यक्ति उनके परिवार के सदस्य ही होते हैं।



コメント


bottom of page