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जेंडर और यौनिकता ट्रैनिंग कार्यशाला

  • लेखक की तस्वीर: Himachal Queer Foundation
    Himachal Queer Foundation
  • 8 फ़र॰ 2024
  • 1 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 6 मई 2024

ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत किसी भी प्रतिष्ठान या संस्थान में जेंडर के प्रति संवेदनशीलता होना अनिवार्य है। यह उन व्यक्तियों के लिए सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करता है जो अपनी खुद की पहचान क्वीयर या ट्रांस* के रूप में करते हैं। हम जेंडर, यौनिकता के नज़रिये से एक समावेशी दृष्टिकोष का इस्तेमाल करते हुए कार्यशालाएं और सत्र आयोजित करते हैं। हम सुरक्षित स्थान बनाने के लिए चर्चाओं, संवाद आधारित अभ्यास, थियेटर, इतिहास, कानूनों, व्याख्यानों और मीडिया के अलग-अलग माध्यमों का उपयोग करते हैं। यह खासकर कॉरपोरेट संस्थानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जहां हमें विविधता के आधार पर होनवाली नियुक्ति की संख्या में बढ़त नजर आती है। दुर्भाग्य से, आंकड़े बताते हैं कि इन्हीं स्थानों पर क्वीयरफ़ोबिया और ट्रांसफ़ोबिया में बढ़त हुई है। इसलिए जागरूकता एक ऐसा विकल्प है जो सभी के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने में एक अहम भूमिका निभा सकती है।




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